Suvarnaprashan Dates 2022
क्र. |
महिना | वार | दिनांक | वेळ |
१ | जानेवारी | मंगळवार | १८/०१/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
२ | फ़ेब्रुवारी | सोमवार | १४/०२/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
३ | फ़ेब्रुवारी | मंगळवार | १५/०२/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
४ | मार्च | सोमवार | १४/०३/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
५ | एप्रिल | रविवार | १०/०४/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
६ | मे | शनिवार | ०७/०५/२०२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
७ | जून | सोमवार | ०४/०६/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
८ | जुलै | शुक्रवार | ०१/०७/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
९ | जुलै | गुरुवार | २८/०७/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
१० | ऑगस्ट | बुधवार | २४/०८/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
११ | सप्टेबर | बुधवार | २१/०९/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
१२ | ऑक्टोबर | मंगळवार | १८/१०/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
१३ | नोव्हेंबर | मंगळवार | १५/१०/२०२२ |
सकाळी १०-१ व संध्या.६-९ |
१४ | डिसेंबर | सोमवार | १२/१२/२०२२ | सकाळी १०-१ व संध्या. ६-९ |
मधु सर्पिभ्याम् लेहयेत् कनकं शिशु: ।
सुवर्णप्राशनं हि एतत् मेधा अग्नि बल वर्धनम् ॥
आयुष्यं मंगलं पुण्यं वृष्यं वर्ण्यं ग्रहापहम् ।
मासात् परं मेधावी व्याधिभि: न च धृष्यते ॥
षड्भि: मासै: श्रॄतधर: सुवर्णप्राशनात् भवेत् ।
– काश्यप संहिता सूत्रस्थान लेहनाध्याय
बालकाला मध आणि तूप यांसह सुवर्ण चाटवावे. सुवर्णप्राशन हे बालकाच्या मेधा (बुद्धि), अग्नि(पचन), बल यांचे वर्धन करते. सुवर्णप्राशन हे आयुष्यवृद्धि करणारे, मंगलमय, पुण्यकर, वृष्य, वर्ण्य (त्वचेची कांती सुधारणारे), ग्रहबाधा दूर करणारे (जंतू संसर्गापासून बचाव करणारे) आहे. एक महिना रोज सुवर्णप्राशन सेवन केल्यास बालक मेधावी होते (बालकाची बुद्धी सुधारते), व्याधी (रोग) होत नाहीत. सहा महिने नित्य सेवन केल्यास बालक श्रृतधर होते.